Movie/Album: नशा (1997)
Music By: पंकज उदास
Lyrics By: एस राकेश
Performed By: पंकज उदास
ये इंतज़ार ग़लत है के शाम हो जाए
जो हो सके तो अभी दौर-ए-जाम हो जाए
मुझ जैसे रिंद को भी तूने हश्र में, या रब
बुला लिया है तो कुछ इंतिज़ाम हो जाये
हुई महँगी बहुत ही शराब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
पियो लेकिन रखो हिसाब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
ग़म का दौर हो या हो खुशी
समाँ बाँधती है शराब
एक मशवरा है जनाब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
दिल के ज़ख्मों को सीना क्या
पीने के लिये जीना क्या
फूँक डाले जिगर को शराब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
दिलबर की बातों में नशा
ज़ुल्फ़ों में नशा, आँखों में नशा
मय से बढ़ के उसका शबाब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
from Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल https://ift.tt/3kKAboS
via gqrds
Music By: पंकज उदास
Lyrics By: एस राकेश
Performed By: पंकज उदास
ये इंतज़ार ग़लत है के शाम हो जाए
जो हो सके तो अभी दौर-ए-जाम हो जाए
मुझ जैसे रिंद को भी तूने हश्र में, या रब
बुला लिया है तो कुछ इंतिज़ाम हो जाये
हुई महँगी बहुत ही शराब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
पियो लेकिन रखो हिसाब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
ग़म का दौर हो या हो खुशी
समाँ बाँधती है शराब
एक मशवरा है जनाब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
दिल के ज़ख्मों को सीना क्या
पीने के लिये जीना क्या
फूँक डाले जिगर को शराब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
दिलबर की बातों में नशा
ज़ुल्फ़ों में नशा, आँखों में नशा
मय से बढ़ के उसका शबाब
के थोड़ी थोड़ी पिया करो
from Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल https://ift.tt/3kKAboS
via gqrds