Movie/Album: काश (2000)
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: ताहिर फ़राज़
Performed By: हरिहरन
हम ने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है
हम ने एक शाम...
हम भी अंजाम की परवाह नहीं करते यारों
जान हम ने भी हथेली पे उठा रखी है
शर्त लोगों ने...
शायद आ जाए कोई हम से ज़्यादा प्यासा
बस यही सोच के थोड़ी सी बचा रखी है
शर्त लोगों ने...
तुम हमें कत्ल तो करने नहीं आए लेकिन
आस्तीनों में ये क्या चीज़ छुपा रखी है
शर्त लोगों ने...
from Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल https://hindilyricspratik.blogspot.com/2025/11/hum-ne-ek-shaam-hariharan-kaash.html
Music By: जॉली मुखर्जी
Lyrics By: ताहिर फ़राज़
Performed By: हरिहरन
हम ने एक शाम चराग़ों से सजा रखी है
शर्त लोगों ने हवाओं से लगा रखी है
हम ने एक शाम...
हम भी अंजाम की परवाह नहीं करते यारों
जान हम ने भी हथेली पे उठा रखी है
शर्त लोगों ने...
शायद आ जाए कोई हम से ज़्यादा प्यासा
बस यही सोच के थोड़ी सी बचा रखी है
शर्त लोगों ने...
तुम हमें कत्ल तो करने नहीं आए लेकिन
आस्तीनों में ये क्या चीज़ छुपा रखी है
शर्त लोगों ने...
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