Movie/Album: दिलनशीं (1988)
Music By: हरिहरन
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन
आज भी हैं मेरे क़दमों के निशाँ आवारा
तेरी गलियों में भटकते थे जहाँ आवारा
आज भी हैं मेरे क़दमों के निशाँ...
तुझसे क्या बिछड़े तो ये हो गई अपनी हालत
जैसे हो जाए हवाओं में धुआँ आवारा
तेरी गलियों में...
मेरे शेरों की थी पहचान उसी के दम से
उसको खो कर हुए बेनाम-ओ-निशाँ आवारा
तेरी गलियों में...
जिसको भी चाहा उसे टूट के चाहा 'राशिद'
कम मिलेंगे तुम्हें हम जैसे यहाँ आवारा
तेरी गलियों में...
from Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल https://hindilyricspratik.blogspot.com/2025/09/aaj-bhi-hain-mere-kadmon-ke-Hariharan.html
Music By: हरिहरन
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन
आज भी हैं मेरे क़दमों के निशाँ आवारा
तेरी गलियों में भटकते थे जहाँ आवारा
आज भी हैं मेरे क़दमों के निशाँ...
तुझसे क्या बिछड़े तो ये हो गई अपनी हालत
जैसे हो जाए हवाओं में धुआँ आवारा
तेरी गलियों में...
मेरे शेरों की थी पहचान उसी के दम से
उसको खो कर हुए बेनाम-ओ-निशाँ आवारा
तेरी गलियों में...
जिसको भी चाहा उसे टूट के चाहा 'राशिद'
कम मिलेंगे तुम्हें हम जैसे यहाँ आवारा
तेरी गलियों में...
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