Movie/Album: मिराज-ए-ग़ज़ल (1983)
Music By: ग़ुलाम अली
Lyrics By: फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
Performed By: आशा भोसले
यूॅं सजा चाॅंद के छलका तेरे अंदाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी कि बदला मेरे हमराज़ का रंग
यूॅं सजा चाॅंद...
साया-ए-चश्म में हैराॅं रुख़-ए-रौशन का जमाल
सुर्ख़ी-ए-लब में परेशाँ तिरी आवाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...
बे-पिए हूँ कि अगर लुत्फ़ करो आख़िर-ए-शब
शीशा-ए-मय में ढले सुबह के आग़ाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...
चंग-ओ-नय रंग पे थे अपने लहू के दम से
दिल ने लय बदली तो मद्धम हुआ हर साज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...
Lyrics By: फ़ैज़ अहमद 'फ़ैज़'
Performed By: आशा भोसले
यूॅं सजा चाॅंद के छलका तेरे अंदाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी कि बदला मेरे हमराज़ का रंग
यूॅं सजा चाॅंद...
साया-ए-चश्म में हैराॅं रुख़-ए-रौशन का जमाल
सुर्ख़ी-ए-लब में परेशाँ तिरी आवाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...
बे-पिए हूँ कि अगर लुत्फ़ करो आख़िर-ए-शब
शीशा-ए-मय में ढले सुबह के आग़ाज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...
चंग-ओ-नय रंग पे थे अपने लहू के दम से
दिल ने लय बदली तो मद्धम हुआ हर साज़ का रंग
यूॅं फ़ज़ा महकी...