फेरो ना नजर - Phero Na Najariya (Sireesha Bhagavatula, Qala)

 

फेरो ना नजर - Phero Na Najariya (Sireesha Bhagavatula, Qala)

Movie/Album: कला (2022)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: कौसर मुनीर
Performed By: सिरीषा भागवतुला

तारों को तोरी, न छेड़ूँगी अब से
बादल न तोरे, उधेड़ूँगी अब से
खोलूँगी न, तोरी किवड़िया
फेरो ना नजर से नजरिया
फेरो ना नजर से नजरिया...

इब दोपहरी के पीछे न भागूँगी धम्म-धम्म
अब की बारिश में बैरी न भीगूँगी छम्म-छम्म
अपनी चोटी में जुगुनू मैं कस लूँगी चम्म-चम्म
तोरी अटरिया, तोरी अटरिया
लाँघूँगी ना मैं तोरी अटरिया
तोरी अटरिया, तोरी अटरिया
माँगूगी ना तोरी छैय्याँ
फेरो ना नजर से नजरिया...

फेरो नाही रे, नजरिया रे
फेरो नाही रे, नजरिया रे
फेरो नाही रे, नजरिया रे
फेरो नाही रे, नजरिया रे
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