मेरी तरह - Meri Tarah (Jubin Nautiyal, Payal Dev)
Movie/Album: मेरी तरह (2022)
Music By: पायल देव
Lyrics By: कुणाल वर्मा
Performed By: जुबिन नौटियाल, पायल देव
कौन है वो दुनिया में जो
तुझे मुझसे बढ़कर चाहने लगा
जिसके लिए तू हाथ मेरा
एक पल में छोड़ के जाने लगा
कौन है वो दुनिया में जो...
तुम सोच समझकर चाहो उसे
एक दिन मुझसे मिलवाओ उसे
मैं भी तो देखूँ प्यार में वो
क्या कर सकता है
क्या वो जो भी कहता है
वो सच में कर सकता है
क्या मेरी तरह वो तुझ पर
हँस के मर सकता है
क्या वो जो भी कहता है...
आहूत फर्क होता है यूँ, साथ मुस्कुराने में
हाथ थामने में और, ज़िन्दगी बिताने में
जीने मरने की बातें, करके भूल जाते हैं
क्या किसी का जाए, झूठे ख्वाब सा दिखाने में
तुम गलियों में अपनी बुलाओ ज़रा
मेरे जितने काँटे बिछाओ ज़रा
बिना उफ़ किये क्या उनपे
वो भी गुज़र सकता है
क्या वो जो भी कहता है...
अब याद रखेगा कौन किसे
ये वक्त को तय कर लेने दे
कर दे खुशियों की बारिश उस पर
आँख मुझे भर लेने दे
ना शोर हुआ आवाज़ हुई
जब-जब दिल सच्चा टूटा है
पूछो सबसे सबको अपने
चाहने वालों ने लूटा है
न आस रहे न साँस रहे
हम भी पत्थर हो जायेंगे
तुम हो जाओगे गैरों के
हम तो खुद के ही ना हो पाएँगे
हो पाएँगे
तेरी धड़कनों के ज़रिये
मैं भी तो धड़कती हूँ
तुझे कैसे दिल से मेरे
दूर कर सकती हूँ
जैसी भी हो राहें चाहें
हाँ मैं चल सकती हूँ
तुझे देखकर जीती हूँ
तुझपे मर सकती हूँ
तुझपे मर सकती हूँ...
Music By: पायल देव
Lyrics By: कुणाल वर्मा
Performed By: जुबिन नौटियाल, पायल देव
कौन है वो दुनिया में जो
तुझे मुझसे बढ़कर चाहने लगा
जिसके लिए तू हाथ मेरा
एक पल में छोड़ के जाने लगा
कौन है वो दुनिया में जो...
तुम सोच समझकर चाहो उसे
एक दिन मुझसे मिलवाओ उसे
मैं भी तो देखूँ प्यार में वो
क्या कर सकता है
क्या वो जो भी कहता है
वो सच में कर सकता है
क्या मेरी तरह वो तुझ पर
हँस के मर सकता है
क्या वो जो भी कहता है...
आहूत फर्क होता है यूँ, साथ मुस्कुराने में
हाथ थामने में और, ज़िन्दगी बिताने में
जीने मरने की बातें, करके भूल जाते हैं
क्या किसी का जाए, झूठे ख्वाब सा दिखाने में
तुम गलियों में अपनी बुलाओ ज़रा
मेरे जितने काँटे बिछाओ ज़रा
बिना उफ़ किये क्या उनपे
वो भी गुज़र सकता है
क्या वो जो भी कहता है...
अब याद रखेगा कौन किसे
ये वक्त को तय कर लेने दे
कर दे खुशियों की बारिश उस पर
आँख मुझे भर लेने दे
ना शोर हुआ आवाज़ हुई
जब-जब दिल सच्चा टूटा है
पूछो सबसे सबको अपने
चाहने वालों ने लूटा है
न आस रहे न साँस रहे
हम भी पत्थर हो जायेंगे
तुम हो जाओगे गैरों के
हम तो खुद के ही ना हो पाएँगे
हो पाएँगे
तेरी धड़कनों के ज़रिये
मैं भी तो धड़कती हूँ
तुझे कैसे दिल से मेरे
दूर कर सकती हूँ
जैसी भी हो राहें चाहें
हाँ मैं चल सकती हूँ
तुझे देखकर जीती हूँ
तुझपे मर सकती हूँ
तुझपे मर सकती हूँ...