क्यूँ हमसे खफा हो गए - Kyun Humse Khafa Ho Gaye (Mehdi Hassan, Salam-e-Mohabbat)
Movie/Album: सलाम-ए-मोहब्बत (1971)
Music By: रशीद अत्रे
Lyrics By: क़तील शिफाई
Performed By: मेहदी हसन
क्यों हमसे खफ़ा हो गए, ऐ जान-ए-तमन्ना
भीगे हुए मौसम का मज़ा क्यों नहीं लेते
क्यूँ हमसे खफ़ा हो गए
ये रात, ये बरसात, ये सावन का महीना
ऐसे में तो शोलों को भी आता है पसीना
इस रुत में गरीबों की दुआ क्यों नहीं लेते
भीगे हुए मौसम का...
क्यूँ हमसे खफ़ा हो गए
देखो तो ज़रा झाँक के बाहर की फ़ज़ा में
बरसात ने इक आग लगा दी है हवा में
इस आग को सीने में बसा क्यों नहीं लेते
भीगे हुए मौसम का...
क्यों हमसे खफ़ा हो गए
आया है किसे रास जुदाई का ये आलम
तड़पेंगे अकेले में उधर आप, इधर हम
दिल, दिल से मेरी जान मिला क्यों नहीं लेते
भीगे हुए मौसम का...
Music By: रशीद अत्रे
Lyrics By: क़तील शिफाई
Performed By: मेहदी हसन
क्यों हमसे खफ़ा हो गए, ऐ जान-ए-तमन्ना
भीगे हुए मौसम का मज़ा क्यों नहीं लेते
क्यूँ हमसे खफ़ा हो गए
ये रात, ये बरसात, ये सावन का महीना
ऐसे में तो शोलों को भी आता है पसीना
इस रुत में गरीबों की दुआ क्यों नहीं लेते
भीगे हुए मौसम का...
क्यूँ हमसे खफ़ा हो गए
देखो तो ज़रा झाँक के बाहर की फ़ज़ा में
बरसात ने इक आग लगा दी है हवा में
इस आग को सीने में बसा क्यों नहीं लेते
भीगे हुए मौसम का...
क्यों हमसे खफ़ा हो गए
आया है किसे रास जुदाई का ये आलम
तड़पेंगे अकेले में उधर आप, इधर हम
दिल, दिल से मेरी जान मिला क्यों नहीं लेते
भीगे हुए मौसम का...