Movie/Album: पैग़ाम (1997)
Music By: हरिहरन, जॉली मुख़र्जी
Lyrics By: कैफ़ भोपाली
Performed By: हरिहरन
दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हमको ये तोहफ़े तुम्हें दोस्त बनाने से मिले
दाग़ दुनिया ने दिए...
हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...
ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...
कैसे माने के उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उनके ख़त आज हमें तेरे सरहाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...
Lyrics By: कैफ़ भोपाली
Performed By: हरिहरन
दाग़ दुनिया ने दिए ज़ख़्म ज़माने से मिले
हमको ये तोहफ़े तुम्हें दोस्त बनाने से मिले
दाग़ दुनिया ने दिए...
हम तरसते ही तरसते ही तरसते ही रहे
वो फ़लाने से फ़लाने से फ़लाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...
ख़ुद से मिल जाते तो चाहत का भरम रह जाता
क्या मिले आप जो लोगों के मिलाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...
कैसे माने के उन्हें भूल गया तू ऐ 'कैफ़'
उनके ख़त आज हमें तेरे सरहाने से मिले
हमको ये तोहफ़े...