Movie/Album: ग़ज़ल (1989)
Music By: जॉली मुखर्जी, किशोर शर्मा
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन
बीती बातें दोहराने की आदत सी हो गई है
चलते-चलते रुक जाने की आदत सी हो गई है
बीती बातें दोहराने...
जब दिल पर कोई ज़ख़्म लगा
ख़ामोश रहें या हॅंसने लगे
हमको आँसू पी जाने की
आदत सी हो गई है
चलते-चलते...
हमको ये भी याद नहीं
क्या खोया है क्या पाया है
लोगों से धोखा खाने की
आदत सी हो गई है
चलते-चलते...
'राशिद' अपने सूने घर में
पल भर के लिए वो आया था
चौखट पे दीये सजाने की
आदत सी हो गई है
चलते-चलते...
Lyrics By: मुमताज़ राशिद
Performed By: हरिहरन
बीती बातें दोहराने की आदत सी हो गई है
चलते-चलते रुक जाने की आदत सी हो गई है
बीती बातें दोहराने...
जब दिल पर कोई ज़ख़्म लगा
ख़ामोश रहें या हॅंसने लगे
हमको आँसू पी जाने की
आदत सी हो गई है
चलते-चलते...
हमको ये भी याद नहीं
क्या खोया है क्या पाया है
लोगों से धोखा खाने की
आदत सी हो गई है
चलते-चलते...
'राशिद' अपने सूने घर में
पल भर के लिए वो आया था
चौखट पे दीये सजाने की
आदत सी हो गई है
चलते-चलते...