Movie/Album: अनुपमा (1966)
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: कैफ़ी आज़मी
Performed By: लता मंगेशकर
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
ऐसी भी बातें होती हैं, ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
लेता है दिल अंगड़ाइयाँ, इस दिल को समझाए कोई
अरमाँ न आँखें खोल दें, रुसवा न हो जाए कोई
पलकों की ठंडी सेज पर, सपनों की परियाँ सोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं, ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
दिल की तस्सली के लिए, झूठी चमक झूठा निखार
जीवन तो सूना ही रहा, सब समझें आई है बहार
कलियों से कोई पूछता, हँसती हैं वो या रोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं, ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
कुछ दिल ने सुना, कुछ भी नहीं
from Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल https://hindilyricspratik.blogspot.com/2024/05/kuchh-dil-ne-kaha-lata-mangeshkar-anupama.html
Music By: हेमंत कुमार
Lyrics By: कैफ़ी आज़मी
Performed By: लता मंगेशकर
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
ऐसी भी बातें होती हैं, ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
लेता है दिल अंगड़ाइयाँ, इस दिल को समझाए कोई
अरमाँ न आँखें खोल दें, रुसवा न हो जाए कोई
पलकों की ठंडी सेज पर, सपनों की परियाँ सोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं, ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
दिल की तस्सली के लिए, झूठी चमक झूठा निखार
जीवन तो सूना ही रहा, सब समझें आई है बहार
कलियों से कोई पूछता, हँसती हैं वो या रोती हैं
ऐसी भी बातें होती हैं, ऐसी भी बातें होती हैं
कुछ दिल ने कहा, कुछ भी नहीं
कुछ दिल ने सुना, कुछ भी नहीं
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