Movie/Album: बहिश्त (1974)
Music By: राशिद अत्रे
Lyrics By: रिआज़ शाहिद
Performed By: मेहदी हसन
क्यों पूछते हो, क्या तुमसे कहूँ
मैं किस लिए जीता हूँ
शायद के कभी मिल जाओ कहीं
मैं इसलिए जीता हूँ
क्यों पूछते हो...
जीने का मुझे कुछ शौक़ नहीं
बस वक्त गुज़ारा करता हूँ
कुछ देर उलझ कर यादों में
दुनिया से किनारा करता हूँ
मरता भी उसी की खातिर हूँ
मैं जिस लिए जीता हूँ
शायद के कभी मिल जाओ कहीं
मैं इसलिए जीता हूँ
मैं हूँ के सुलगता रहता हूँ
बुझता भी नहीं, जलता भी नहीं
दिल है कि तड़पता रहता है
रुकता भी नहीं चलता भी नहीं
जीने की तमन्ना मिट ही चुकी
फिर किस लिए जीता हूँ
शायद के कभी मिल जाओ कहीं
मैं इसलिए जीता हूँ
क्यूँ पूछते हो...
from Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल https://hindilyricspratik.blogspot.com/2023/05/kyun-puchhte-ho-mehdi-hassan-bahisht.html
Music By: राशिद अत्रे
Lyrics By: रिआज़ शाहिद
Performed By: मेहदी हसन
क्यों पूछते हो, क्या तुमसे कहूँ
मैं किस लिए जीता हूँ
शायद के कभी मिल जाओ कहीं
मैं इसलिए जीता हूँ
क्यों पूछते हो...
जीने का मुझे कुछ शौक़ नहीं
बस वक्त गुज़ारा करता हूँ
कुछ देर उलझ कर यादों में
दुनिया से किनारा करता हूँ
मरता भी उसी की खातिर हूँ
मैं जिस लिए जीता हूँ
शायद के कभी मिल जाओ कहीं
मैं इसलिए जीता हूँ
मैं हूँ के सुलगता रहता हूँ
बुझता भी नहीं, जलता भी नहीं
दिल है कि तड़पता रहता है
रुकता भी नहीं चलता भी नहीं
जीने की तमन्ना मिट ही चुकी
फिर किस लिए जीता हूँ
शायद के कभी मिल जाओ कहीं
मैं इसलिए जीता हूँ
क्यूँ पूछते हो...
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