निरभौ निरवैर - Nirbhau Nirvair (Shahid Mallya, Qala)

Movie/Album: कला (2022)
Music By: अमित त्रिवेदी
Lyrics By: संत कबीर, अनिवता दत्त
Performed By: शाहिद माल्या

ऐसी मरनी जो मरे, बहुरि ना मरना होय
कबीरा मरता-मरता जग मुआ
मर भी ना जाणे कोय

क्या जाणे किवें मरांगे कैसा मरणा होय
जे कर साहिब मनहु ना विसरे
ताँ सहल मरणा होय
ताँ सहल मरणा
मरणा मरणा होय

कित्थे तुरदा लबदा फिरदा
साया नाल साहिब दा
जीण तो पहले मुकदा क्यूँ वे
जुड़न तो ज़्यादा टुटदा

हर धुन गाओ, निर्गुण निरभौ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर
हर धुन गाओ, निर्गुण निरभौ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर

पैर लम्बे निक्की चदरा
कफ़न ने पूरा ढकणा
जो विखाया वो था अपणा
बाकी ताँ अहमद शाह दा

सुफ़ने तू झूठे चखदा फिरदा
शहद वी खट्टा लगदा
जीण तो पहले मुकदा क्यूँ वे
जुड़न तो ज़्यादा टुटदा

हर धुन गाओ, निर्गुण निरभउ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर
हर धुन गाओ, निर्गुण निरभउ
हर धुन सुण, निर्गुण निरवैर


from Lyrics In Hindi - लफ़्ज़ों का खेल https://hindilyricspratik.blogspot.com/2023/02/nirbhau-nirvair-shahid-mallya-qala.html
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